सहकार भारती ने चौधरी चरण सिंह की सभागार में फोटो लगायी
सहकार भारती उ0प्र0 का प्रथम प्रदेशीय गन्ना प्रकोष्ठ सम्मेलन सम्पन्न
श्रीधनलक्ष्मी। यशवर्धन दीक्षित
लखनऊ। सहकार भारती द्वारा आयोजित गन्ना प्रकोष्ठ का पहला प्रदेशीय सम्मेलन रविवार दिनांक 09 नवंबर 2025 को चौधरी चरण सिंह सभागार सहकारिता भवन में संपन्न हुआ। सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह एवं उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के उपसभापति ऋषिकांत राय, अजय वीर सिंह प्रदेश प्रमुख गन्ना प्रकोष्ठ एवं मीनाक्षी राय प्रदेश महिला प्रमुख ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सभागार में किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की तस्वीर का अनावरण कर उन्हें नमन किया।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा-‘‘सहकारिता अब जनआंदोलन का रूप ले रही है,। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसकी भूमिका और सशक्त होगी।’’ उन्होंने कहा-‘‘केंद्र सरकार ने नई सहकारिता नीति 2025 में सहकार भारती के कई सुझावों को रखा है, जिससे सहकारी क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार होगा।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा-‘‘देश भर में 168 गन्ना सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं, जिनमें से 27 सहकारी चीनी मिलें हैं।’’ उन्होंने कहा-‘‘गन्ना उत्पान मे उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है, समितियों में पारदर्शी व समयबद्ध चुनाव आवश्यक हैं। गन्ना किसानों को समय पर भुगतान और तौल की प्रक्रिया में शुद्धता लाने की आवश्यकता भी है।’’
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ऋषिकांत राय ने बताया-‘‘जब से सहकारिता का संचालन सरकारी तंत्र के हाथों में गया, तब से नुकसान उठाना पड़ा। परंतु यह सही है कि नई सहकारिता नीति के लागू होने के बाद अब पारदर्शी व्यवस्था बन रही है और सहकारिता क्षेत्र के कार्यो में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं।’’
सहकार भारती के प्रदेश संगठन प्रमुख कर्मवीर सिंह ने कहा-‘‘चीनी मिलें किसानों का बकाया भुगतान और देय ब्याज समय पर नहीं दे रही हैं, जिससे किसान परेशान हैं। उन्होंने किसानों से सहकार भारती से जुडने की अपील करते हुए कहा है कि आप सभी लोग अपनी जिला समितियों की समस्याओं का संगठन से साझा करें, ताकि संगठन इन्हें सरकार तक प्रभावी रूप से पहुँचा सके।’’
वे फिर बोले-‘‘गन्ना मूल्य वृद्धि स्वागत योग्य है, पर यह अभी किसानों के हित में पर्याप्त नहीं है। हरियाणा की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी गन्ना मूल्य बढ़ाने की आवश्यकता है।’’
2 सूत्री मांग पत्र
संगठन द्वारा 12 सूत्रीय मांग पत्र भी सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता को सौंपा गया। मांग पत्र में कई चीनी मिल जैसे सिंभावली, मोदी, बजाज, राणा ग्रुप से गन्ने के मूल्य का भुगतान न होना, देय कमीशन का भुगतान न होना, गन्ना विकास परिषदों के निर्वाचन न होना, समितियों के खाता परिचालन के अधिकार कि संदर्भ में उपविधि में संशोधन करना, उ0प्र0 सहकारी गन्ना समिति संघ का निर्वाचन कराए जाने, गन्ना विकास से संबंधित निर्माण कार्य पूर्व की भांति गन्ना विकास परिषद से ही कराने और गन्ना मूल्य का निर्धारण पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की भाति कराए जाने, गन्ना क्रय केंद्र त्वरित तौल व्यवस्था कराने एवं प्रदेश में बंद चीनी मिलों को जनहित में संचालित कराए जाने की मांगें रखी गई हैं।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में प्रदेश उपाध्यक्ष डी0पी,पाठक, रामाश्रय राय संचालक, सहकारी चीनी मिल संघ, थे। कार्यंक्रम में आये गन्ना सहकारी समितियों के सभापति और संचालक तथा सहकार भारती के प्रदेश पदाधिकारियों एवं लखनऊ जिला/महानगर अध्यक्ष एवं प्रत्येक जिला के कार्यसमिति के पदाधिकारी गण और गन्ना किसान शामिल थें। कार्यक्रम के अंत में प्रदेश संगठन प्रमुख विजय कुमार पाण्डेय ने सभी को धन्यवाद दिया।
गन्ना सम्मेलन में यह भी उपस्थित रहें-(हेडिंग)
राष्ट्रीय सह आईटी प्रमुख, कृृृष्ण कुमार ओझा, प्रदेश उपाध्यक्ष अभय चौधरी, प्रदेश मंत्री कैलाश नाथ एवं अरूण कुमार सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवेन्द्र प्रताप सिंह, प्रदेश विपणन प्रमुख एवं उपभोक्ता सहकारी संघ के संचालक सुरेन्द्र सिंह चौहान, प्रदेश प्रमुख मत्स्य प्रकोष्ठ अभिनव कश्यप, प्रदेश सह एफपीओ प्रमुख संतोष पाल, प्रदेश सह गन्ना प्रकोष्ठ प्रभान सिंह, प्रदेश प्रमुख विधि प्रकोष्ठ वीरेन्द्र पाण्डेय, विभाग संयोजक, श्री श्रीनिवास सिंह, विभाग संयोजक रवीन्द्र दयालपुरिया, विभाग संयोजक रामकुमार दीक्षित, विभाग संयोजक दिग्विजय सिंह, सह विभाग संयोजक अशोक कुमार वर्मा, कार्यक्रम का संचालन हरेन्द्र सिंह द्वारा किया गया।
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